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Ulajhi Padi Hai Jindagi In Rel Ki Patariyo Ki Tarah Shayari

उलझी पड़ी है जिंदगी इन रेल की

पटरियों की तरह रास्ते तो बहुत हैं

पर समझ में नहीं रहा चलना

किस पर है..!!! 

Motivational Sayari

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