Roj Dhalti Hui Sam Se Dar Lagta hi, Ab Mujhe Isk Ke Anjam Se Dar Lagta Hai ko Shayari
रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है, अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है…
जब से तुमने मुझे धोखा दिया, तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है...